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आरईसी ने टीएचडीसी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, टिहरी में ओलंपिक आकार के स्विमिंग पूल के विकास के लिए सीएसआर के तहत 3.97 करोड़ रुपये देने की प्रतिबद्धता जताई
तारीख 13-12-2024
नई दिल्ली, 13 दिसंबर 2024: आरईसी लिमिटेड, विद्युत मंत्रालय के तहत महारत्न सीपीएसई और प्रमुख एनबीएफसी ने अपनी कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) पहल के तहत टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीआईएल) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किए हैं। आरईसी ने कोटेश्वर, टिहरी (उत्तराखंड) में टीएचडीसीआईएल वाटर स्पोर्ट्स हाई परफॉरमेंस एकेडमी ऑफ कैनोइंग एंड कयाकिंग में ओलंपिक आकार के स्विमिंग पूल के विकास के लिए 3.97 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने की प्रतिबद्धता जताई है।
इस समझौते पर शुक्रवार को आरईसी के कार्यकारी निदेशक (सीएसआर) श्री प्रदीप फैलो और टीएचडीसीआईएल के महाप्रबंधक तथा सेवा टीएचडीसी के अध्यक्ष श्री अमरदीप ने हस्ताक्षर किए। यह समारोह आरईसी लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री विवेक कुमार देवांगन, आरईसी के निदेशक (वित्त) श्री हर्ष बावेजा और टीएचडीसीआईएल के निदेशक (कार्मिक) श्री शलिन्दर सिंह की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।
आगामी स्विमिंग पूल सुविधा का उद्देश्य कैनोइंग और कयाकिंग में अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए राष्ट्रीय स्तर के एथलीटों को तैयार करना और प्रशिक्षित करना है, जिससे वैश्विक स्तर पर जल खेलों में भारत की पहचान में योगदान मिलेगा।
यह पहल भारत में खेल विकास को बढ़ावा देने और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए एथलीटों को सशक्त बनाने की आरईसी की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
यह सहयोग भारत में खेल के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए आरईसी के चल रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे खेल प्रतिभाओं का समग्र विकास सुनिश्चित होता है। अपनी सीएसआर पहलों के माध्यम से, आरईसी राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त खेलों का समर्थन करना जारी रखता है और भारतीय एथलीटों के लिए वैश्विक प्रशंसा प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करता है।
आरईसी फाउंडेशन ने स्वास्थ्य सेवा, स्वच्छता, स्वच्छ जल तक पहुंच, शिक्षा और कौशल विकास, महिला सशक्तिकरण, खेल और पर्यावरण स्थिरता में 400 से अधिक परियोजनाओं का समर्थन किया है। सीएसआर फंड में 1,300 करोड़ रुपये से अधिक वितरित किए जाने के साथ, सीएसआर गतिविधियों के लिए आरईसी की संचयी प्रतिबद्धता 2,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है।
आरईसी लिमिटेड के बारे में-
आरईसी भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक 'महारत्न' कंपनी है, और आरबीआई के साथ गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी), सार्वजनिक वित्तीय संस्थान (पीएफआई) और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। आरईसी पूरे विद्युत-अवसंरचना क्षेत्र को वित्तपोषित कर रहा है जिसमें उत्पादन, पारेषण, वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और नई प्रौद्योगिकियां जैसे इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी भंडारण, पंप भंडारण परियोजनाएं, ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन अमोनिया परियोजनाएं आदि शामिल हैं। हाल ही में आरईसी लिमिटेड ने गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी विविधता लाई है जिसमें सड़क और एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, आईटी संचार, सामाजिक और वाणिज्यिक अवसंरचना (शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल), बंदरगाह और इस्पात, रिफाइनरी आदि जैसे विभिन्न अन्य क्षेत्रों के संबंध में इलेक्ट्रो-मैकेनिकल (ईएंडएम) कार्य शामिल हैं।
आरईसी लिमिटेड देश में अवसंरचना परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों को विभिन्न परिपक्वताओं के ऋण प्रदान करता है। आरईसी लिमिटेड बिजली क्षेत्र के लिए सरकार की प्रमुख योजनाओं में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक भूमिका निभा रहा है और प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई), राष्ट्रीय विद्युत निधि (एनईएफ) योजना के लिए नोडल एजेंसी रही है, जिसके परिणामस्वरूप देश में अंतिम मील वितरण प्रणाली, 100% गांव विद्युतीकरण और घरेलू विद्युतीकरण को मजबूत किया गया है। आरईसी को कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए पुन: व्यवस्थित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के लिए नोडल एजेंसी भी बनाया गया है। आरईसी को केंद्र सरकार की ओर से पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की जिम्मेदारी भी दी गई है। 30 सितंबर, 2024 तक आरईसी की ऋण पुस्तिका ₹5.46 लाख करोड़ और नेटवर्थ ₹72,893 करोड़ है।