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आरईसी ने कॉर्पोरेट प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रतिष्ठित गोल्डन पीकॉक अवार्ड 2024 जीता
तारीख 05-12-2024
गुरुग्राम, 05 दिसंबर 2024: विद्युत मंत्रालय के तहत महारत्न सीपीएसयू और एक प्रमुख एनबीएफसी आरईसी लिमिटेड को कॉर्पोरेट गवर्नेंस में उत्कृष्टता के लिए गोल्डन पीकॉक अवार्ड 2024 से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार लंदन में आयोजित एक समारोह में गोल्डन पीकॉक अवार्ड्स सचिवालय और इंस्टीट्यूट ऑफ डायरेक्टर्स द्वारा प्रदान किया गया।
गोल्डन पीकॉक अवार्ड कॉर्पोरेट प्रशासन के उच्चतम मानकों के प्रति आरईसी की अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है। यह पुरस्कार पारदर्शिता, जवाबदेही और नैतिक व्यावसायिक प्रथाओं के प्रति आरईसी के समर्पण को रेखांकित करती है, जो उद्योग में इसकी निरंतर सफलता और प्रतिष्ठा का अभिन्न अंग रहे हैं।
आरईसी ने विद्युत (वित्तीय सेवाएं) श्रेणी में पुरस्कार जीता है।
आरईसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री विवेक कुमार देवांगन ने इस मौके पर कहा, "कॉर्पोरेट प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए गोल्डन पीकॉक पुरस्कार प्राप्त करके हम अत्यंत गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। यह सम्मान सुशासन के सिद्धांतों को बनाए रखने के हमारे निरंतर प्रयासों और हमारे हितधारकों के लिए दीर्घकालिक मूल्य बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
आरईसी को पुरस्कार निर्णायक मंडल द्वारा विजेता घोषित किया गया, जिसका नेतृत्व भारत के 25वें मुख्य न्यायाधीश माननीय न्यायमूर्ति एम. एन. वेंकटचलैया ने किया तथा निर्णायक मंडल के अन्य सदस्यों में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति यू. यू. ललित, प्रोफेसर (न्यायाधीश) मर्विन ई. किंग एस.सी. तथा अन्य शामिल थे।
पुरस्कार समारोह में विभिन्न उद्योगों के प्रतिष्ठित नेताओं ने भाग लिया और टिकाऊ व्यावसायिक प्रथाओं को बढ़ावा देने में कॉर्पोरेट प्रशासन के महत्व पर प्रकाश डाला। पुरस्कार विजेताओं के विशिष्ट समूह में आरईसी की पहचान बिजली क्षेत्र में अग्रणी और कॉर्पोरेट प्रशासन के लिए एक आदर्श के रूप में इसकी स्थिति की पुष्टि करती है।
आरईसी लिमिटेड के बारे में-
आरईसी भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक 'महारत्न' कंपनी है, और आरबीआई के साथ गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी), सार्वजनिक वित्तीय संस्थान (पीएफआई) और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। आरईसी पूरे विद्युत-अवसंरचना क्षेत्र को वित्तपोषित कर रहा है जिसमें उत्पादन, पारेषण, वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और नई प्रौद्योगिकियां जैसे इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी भंडारण, पंप भंडारण परियोजनाएं, ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन अमोनिया परियोजनाएं आदि शामिल हैं। हाल ही में आरईसी लिमिटेड ने गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी विविधता लाई है जिसमें सड़क और एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, आईटी संचार, सामाजिक और वाणिज्यिक अवसंरचना (शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल), बंदरगाह और इस्पात, रिफाइनरी आदि जैसे विभिन्न अन्य क्षेत्रों के संबंध में इलेक्ट्रो-मैकेनिकल (ईएंडएम) कार्य शामिल हैं।
आरईसी लिमिटेड देश में अवसंरचना परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों को विभिन्न परिपक्वताओं के ऋण प्रदान करता है। आरईसी लिमिटेड बिजली क्षेत्र के लिए सरकार की प्रमुख योजनाओं में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक भूमिका निभा रहा है और प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई), राष्ट्रीय विद्युत निधि (एनईएफ) योजना के लिए नोडल एजेंसी रही है, जिसके परिणामस्वरूप देश में अंतिम मील वितरण प्रणाली, 100% गांव विद्युतीकरण और घरेलू विद्युतीकरण को मजबूत किया गया है। आरईसी को कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए पुन: व्यवस्थित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के लिए नोडल एजेंसी भी बनाया गया है। आरईसी को केंद्र सरकार की ओर से पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की जिम्मेदारी भी दी गई है। 30 सितंबर, 2024 तक आरईसी की ऋण पुस्तिका ₹5.46 लाख करोड़ और नेटवर्थ ₹72,893 करोड़ है।