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आरईसी ने आउटलुक प्लैनेट सस्टेनेबिलिटी समिट एंड अवार्ड्स 2024 में 'सस्टेनेबिलिटी चैंपियन - एडिटर्स च्वाइस अवार्ड' जीता
तारीख 28-05-2024

गुरुग्राम, 28 मई 2024 : आरईसी लिमिटेड, विद्युत मंत्रालय के अधीन महारत्न सीपीएसई और अग्रणी एनबीएफसी, को 'आउटलुक प्लैनेट सस्टेनेबिलिटी समिट एंड अवार्ड्स 2024' में 'सस्टेनेबिलिटी चैंपियन - एडिटर च्वाइस अवार्ड' से सम्मानित किया गया है। इस पुरस्कार समारोह का आयोजन आईआईटी गोवा के सहयोग से आउटलुक ग्रुप द्वारा किया गया।

आरईसी के मुंबई कार्यालय की वरिष्ठ महाप्रबंधक, श्रीमती सरस्वती ने गोवा में आयोजित एक कार्यक्रम में यह पुरस्कार प्राप्त किया।

                                    

यह पुरस्कार स्थिरता पहल के प्रति आरईसी की प्रतिबद्धता और हरित भविष्य की दिशा में प्रगति को आगे बढ़ाने के उसके प्रयासों को दर्शाता है।

यह पुरस्कार निगम की स्थिरता पहल की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, जो हरित भविष्य की ओर अग्रसर है। आरईसी भारत के ऊर्जा परिवर्तन को आगे ले जाने में अग्रणी रहा है। कंपनी की योजनाएं स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की ओर वैश्विक प्रयासों को आगे बढ़ाना है, और कंपनी भारत के ऊर्जा बदलावों के अग्रणी फाइनेंसर बनने के लिए प्रतिबद्ध है। आरईसी स्थिरता पहल में महत्वपूर्ण निवेश करने के लिए तैयार है, जो नवीकरणीय ऊर्जा के तहत लगभग ₹38,971 करोड़ के उसके वर्तमान ऋण पोर्टफोलियो में परिलक्षित होता है। वो भी, 2030 तक लगभग 10 लाख करोड़ की अनुमानित ऋण पुस्तिका के लगभग 30% तक नवीकरणीय मिश्रण में सुधार करने के दूरदर्शी लक्ष्य के साथ है।

आउटलुक प्लैनेट सस्टेनेबिलिटी समिट एंड अवार्ड्स एक प्रमुख मंच है जो टिकाऊ प्रथाओं में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए उद्योगों के अग्रणी लीडर्स, नीति निर्माताओं और स्थिरता समर्थकों को एक मंच प्रदान करता है। इस वर्ष के शिखर सम्मेलन में गहन चर्चाएँ, नवोन्मेषी विचारों और स्थिरता के लिए समर्पित संगठनों को उनके उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए पुरस्कृत किया गया।

आरईसी के बारे में –

आरईसी, विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन एक महारत्न कंपनी है और आरबीआई के साथ गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (एनबीएफसी), सार्वजनिक वित्तीय संस्थान (पीएफआई) और इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। आरईसी उत्पादन, पारेषण, वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी स्टोरेज, पंप स्टोरेज, ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन अमोनिया परियोजनाओं जैसी अनेक नई प्रौद्योगिकियों सहित पूरे विद्युत अवसरंचना क्षेत्र को वित्तपोषित कर रही है। हाल ही में आरईसी द्वारा गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी विविधता लाई गई है जिसमें राजमार्ग और एक्सप्रेस वे, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, आईटी संचार, सामाजिक और वाणिज्यिक बुनियादी ढांचा (शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल), बंदरगाह जैसे अनेक क्षेत्रों जैसे इस्पात, रिफाइनरी आदि के संबंध में इलेक्ट्रो-मैकेनिकल (ई एंड एम) कार्य शामिल हैं। आरईसी लिमिटेड देश में बुनियादी अवसंरचना परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों को विभिन्न परिपक्वता अवधि के ऋण प्रदान करती है।

आरईसी लिमिटेड विद्युत क्षेत्र के लिए सरकार की अग्रणी योजनाओं में प्रमुख रणनीतिक की भूमिका निभा रही है और प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) और राष्ट्रीय विद्युत निधि (एनईएफ) योजना के लिए नोडल एजेंसी के रूप में चुनी गई थी , इन योजनाओं के परिणामस्वरूप देश के अंतिम छोर तक वितरण प्रणाली को मजबूत बनाया गया तथा 100% ग्रामीण और घरेलू विद्युतीकरण किया गया। आरईसी को कुछ राज्यों एवं संघ राज्य क्षेत्रों की संशोधित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के लिए भी नोडल एजेंसी बनाया गया है। केंद्र सरकार द्वारा आरईसी को ‘पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ की जिम्मेदारी भी दी गई है। 31 मार्च 2024 के अनुसार आरईसी की लोन बुक ₹5.09 लाख करोड़ एवं नेट वर्थ ₹68,783 करोड़ है।

 

पृष्ठ को अंतिम बार अद्यतन किया गया: 09/01/2025 - 11:28 AM
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